संरक्षण का चोला पहनने वाले आज समानता की बात क्यों नहीं करते।
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आरक्षण की नौटंकी करने वाले आज अरबपति बन गए और आरक्षण के नाम पर वोट देने वाले बिहारी और यूपी वाले दिल्ली, मुम्बई, आदि शहरों में मजदूरी करने के लिए बाध्य हैं।
क्या चुनाव में ये लोग किसी गरीब बैकवर्ड और किसी गरीब दलित को टिकट दिया !
आरक्षण के नाम पर लालू यादव ने बिहार को उल्लू बनाया और अब वही काम यु पि मायावती जी और मुलायम करने जा रहे है !
लालू यादव जैसे लोग गरीब बैकवर्डों को आगे नहीं बढ़ने दे रहे है क्योंकि इनका परिवार और इनके रिस्तेदार जो की अब अरबपति और करोड़पति बन चुके है वो गरीब यादवो के लिए आरक्षण की सीटे खाली क्यों नही करते !
बैकवर्डों की राजनीति करके मुलायम कुनबा धनकुबेर बन गया और मायावती जी जिनके पास अकूत धन संपत्ति है और जिनके भाई के पास दर्जनों फार्महाउस और कोठियां है ये लोग गरीब दलितों के लिए आरक्षण क्यों नहीं छोड़ रहे !
अगर इन्हें गरीब बैकवर्ड और गरीब दलित की चिंता है तो सबसे पहले किसी गरीब को टिकट क्यों नही दिया !
क्या चुनाव में ये लोग किसी गरीब बैकवर्ड और किसी गरीब दलित को टिकट दिया !
अगर ये लोग किसी गरीब के लिए कुर्सियां नही छोड़ सकते और किसी गरीब को टिकट नही दे सकते तो गरीब बैकवर्ड और गरीब दलित इन्हें अपना वोट क्यों दे !
जब प्रदेश में भर्तियां होती है तो जिस बैकवर्ड के पास घुस देने के पैसे नही होते उसका बेटा या बेटी किसी प्यून की नौकरी नही मिलती !
अब समय आ गया है की इस देश का गरीब सही -गलत का फैसला करे !
लालू और मुलायम ! सबसे पहले गरीब बैकवर्डों के लिए और मायावती अपने दलित गरीब के लिए आरक्षण छोड़े !
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आरक्षण की नौटंकी करने वाले आज अरबपति बन गए और आरक्षण के नाम पर वोट देने वाले बिहारी और यूपी वाले दिल्ली, मुम्बई, आदि शहरों में मजदूरी करने के लिए बाध्य हैं।
क्या चुनाव में ये लोग किसी गरीब बैकवर्ड और किसी गरीब दलित को टिकट दिया !
आरक्षण के नाम पर लालू यादव ने बिहार को उल्लू बनाया और अब वही काम यु पि मायावती जी और मुलायम करने जा रहे है !
लालू यादव जैसे लोग गरीब बैकवर्डों को आगे नहीं बढ़ने दे रहे है क्योंकि इनका परिवार और इनके रिस्तेदार जो की अब अरबपति और करोड़पति बन चुके है वो गरीब यादवो के लिए आरक्षण की सीटे खाली क्यों नही करते !
बैकवर्डों की राजनीति करके मुलायम कुनबा धनकुबेर बन गया और मायावती जी जिनके पास अकूत धन संपत्ति है और जिनके भाई के पास दर्जनों फार्महाउस और कोठियां है ये लोग गरीब दलितों के लिए आरक्षण क्यों नहीं छोड़ रहे !
अगर इन्हें गरीब बैकवर्ड और गरीब दलित की चिंता है तो सबसे पहले किसी गरीब को टिकट क्यों नही दिया !
क्या चुनाव में ये लोग किसी गरीब बैकवर्ड और किसी गरीब दलित को टिकट दिया !
अगर ये लोग किसी गरीब के लिए कुर्सियां नही छोड़ सकते और किसी गरीब को टिकट नही दे सकते तो गरीब बैकवर्ड और गरीब दलित इन्हें अपना वोट क्यों दे !
जब प्रदेश में भर्तियां होती है तो जिस बैकवर्ड के पास घुस देने के पैसे नही होते उसका बेटा या बेटी किसी प्यून की नौकरी नही मिलती !
अब समय आ गया है की इस देश का गरीब सही -गलत का फैसला करे !
लालू और मुलायम ! सबसे पहले गरीब बैकवर्डों के लिए और मायावती अपने दलित गरीब के लिए आरक्षण छोड़े !