Saturday, July 27, 2019

अमेरिकी कूटनीति में पाकिस्तान !
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आजकल अमेरिका और ट्रैम्प प्रशाशन पाकिस्तान पर मेहरबान है ! क्यू ?
क्या कारन है है कि जो अमेरिका और ट्रैम्प पाकिस्तान को धमकियाँ देते फिरते थे इमरान खान के अचानक दौरे से पाकिस्तान पर मेहरबान हो गया ! जबकि वही पाकिस्तान और उसके सेनाध्यक्ष ६ महीने पहले तक चीन कि चाटुकारिता करते फिरते रहे !
पाकिस्तान कि आर्थिक हालात रसातल में पहुँच चुकी है ! पाकिस्तान और उसके निति नियंताओ ने सोचा था कि वो चीन कि चापलूसी करके पाकिस्तान कि नैया पर कर लेंगे लेकिन चालबाज चीन इनके शिकंजे में नहीं फंसा और चीन ने अपना मकसद पूरा करने के लिए पाकिस्तान को इन्वेस्टमेंट का लालच देकर अपने CPEC प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जबतक पाकिस्तानी नेताओ को चीन कि यह चाल समझ में आती तब तक चीन अपना मकसद पूरा कर चूका था और पाकिस्तान को अपने मकड़ जाल में पूरी तरह से फंसा चूका था !
अब पाकिस्तान चीन के मकड़ जाल से खुद को बचाने के लिए छटपटा रहा है ! इसीलिए एक बार फिर पाकिस्तानी आकाओ को अमेरिका कि याद आई और पाकिस्तान कि ISI और सेना ने मिलकर सऊदी प्रिंस के सहारे अमेरिकी राष्ट्रपति से मीटिंग फिक्स की और मीटिंग हो भी गई ! जिस मीटिंग में ट्रैम्प ने कश्मीर पर सफ़ेद झूठ बोले और उनकी दुनियां भर में किरकिरी हुई !
अमेरिका-पाकिस्तान की मीटिंग की विशेष बात यह रही की पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान ने सच्चाई के साथ यह स्वीकार किया की पाकिस्तानी  हुकूमत, हुक्मरान ,सेना और ISI मिलकर जिहादी ग्रुप पैदा किये ! जो सोवियत संघ के विरुद्ध लम्बी लड़ाई लड़कर सोवियत संघ के विघटन में अहम् भूमिका निभाई ! और बाद में वही जिहादी अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना और कश्मीर में भारतीय सेना के विरुद्ध जिहाद कर रहे हैं ! दूसरी बात यह की पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने यह भी स्वीकार किया की २६/११ मुंबई हमले और पुलवामा हमले में जैश ए  मोहम्मद का ही हाथ था ! और आज भी करीब ४००००/- जिहादी अफगानिस्तान से लेकर कश्मीर तक सक्रीय हैं !
अमेरिका जैसे स्वाभिमानी देश का पाकिस्तान की तरफ इस तरह अचानक झुकाव के पीछे ट्रैम्प प्रशासन की अफगानिस्तान निति भी है ! अमेरिकी नियंताओ को यह लग रहा है की पाकिस्तान के सहारे अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओ की वापसी संभव है और अमेरिका किसी भी हालात में अफगानिस्तान से बाहर निकलना चाहता है ! दरअसल  यही पाकिस्तान चाहता भी था की कब अमेरिका पाकिस्तान के समाने घुटने टेके और वो उसका फायदा उठा सके !